सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

निष्काम भक्ति योग







टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Index

७-भरत-चरित्र ८-भरतजीका मृगके मोहमें फँसकर मृगयोनिमें जन्म लेना  ९-भरतजीका ब्राह्मणकुलमें जन्म  १०-जडभरत और राजा रहूगणकी भेंट  ११-राजा रहूगणको भरतजीका उपदेश  १२-रहूगणका प्रश्न और भरतजीका समाधान  १३-भवाटवीका वर्णन और रहूगणका संशयनाश राजाभरत चंचलमृग ब्रह्मज्ञानी जड़भरत हुये। उपदेशक समाधानी भवाटवी - रहुगण के संशयहर्ता हुए।  

संवाद मन 5/11

 विरक्त महापुरुषों के सत्संग से प्राप्त ज्ञान रूप खड़ग के द्वारा मनुष्यको इस लोकमें ही अपने मोहबंधन को काट डालना चाहिए। फिर श्री हरि की लीलाओंके कथन और श्रवणसे भगवत स्मृति बनी रहनेके कारण वह सुगमतासे ही संसारमार्ग को पार करके भगवानको प्राप्त कर सकता है। भागवत महापुराण स्कंध 5 अध्याय 12 श्लोक 16.